MS Dhoni Biography In Hindi – बच्चे की जुबान पर महेंद्र सिंह धोनी – Mahendra Singh Dhoni का नाम है, धोनी ने एक अच्छे क्रिकेटर के रूप में अपनी पहचान बनायीं, उनका पूरा नाम तो महेंद्र सिंह धोनी है पर उन्हें लोग MS Dhoni – एमएस धोनी के नाम से जानते है.
धोनी ने क्रिकेट जगत में भारत का नाम रोशन किया है, एक छोटे से शहर से निकल कर विश्व भर में अपनी पहचान बनाने के लिये महेंद्र सिंह धोनी ने बहुत संघर्ष किया है, आज इस लेख में हम MS Dhoni Biography In Hindi – महेंद्र सिंह धोनी का जीवन परिचय और उनके संघर्षो के बारे में बात करेगे.
MS Dhoni Biography In Hindi – महेंद्र सिंह धोनी का जीवन परिचय
नाम – महेंद्र सिंह धोनी
पिता का नाम – पान सिंह
माता का नाम – देवकी
जन्म – 07 जुलाई 1981
जन्म स्थान – रांची (बिहार) अब झारखण्ड
उपनाम – एमएसडी , एमएस, माही, कैप्टन कूल, धोनी, एमएस धोनी
ऊंचाई – 5 फीट 9 इंच (1.75 मीटर)
पत्नी – साक्षी सिंह धोनी
भाई – बहन – जयन्ती गुप्ता, नरेन्द्र सिंह धोनी
बच्चे – जीवा
रोल – विकेटकीपर बल्लेबाज़
जर्सी संख्या – 07
बल्लेबाज़ी की शैली – दांये हाथ के बल्लेबाज़
गेंदबाज़ी की शैली – दांये हाथ के मध्यम गति
राष्ट्रीयता – भारतीय
मुख्य टीम – इंडिया, बिहार, झारखण्ड, एशिया एलेवन, चेन्नई सुपर किंग्स, राइजिंग पुणे सुपरजईन्ट्स
टेस्ट डेब्यू – 02 दिसम्बर 2005 श्रीलंका के खिलाफ ( टोपी – 251 )
एकदिवसीय डेब्यू – 23 दिसम्बर 2004 बांग्लादेश के खिलाफ ( टोपी – 158 )
टी20 डेब्यू – 01 दिसम्बर 2006 ( टोपी – 02 )
अंतिम टेस्ट – 26 दिसम्बर 2014 ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ.
धोनी का जन्म, शिक्षा और इनका परिवार – Dhoni Birth, Education and Family
महेंद्र सिंह धोनी का जन्म 07 जुलाई 1981 को बिहार के रांची शहर में हुआ था जो की अब झारखंड में है, धोनी के पिता पान सिंह मेकॉन कंपनी में कार्यरत थे और इनकी माता देवकी देवी एक गृहिणी थी, धोनी की शुरुआती पढाई डीएवी जवाहर विद्या मंदिर स्कूल से हुई, 12वीं करने के बाद इन्होने अपना एडमिशन सेंट जविएर्स कॉलेज में कराया पर क्रिकेट के चलते इन्हें पढाई बीच में ही छोडनी पड़ी.
इनके परिवार में धोनी के आलावा इनकी एक बहन जिनका नाम जयन्ती है और इनके एक भाई जिनका नाम नरेन्द्र सिंह धोनी है, ये मूल रूप से उत्तराखंड के निवासी थे पर अपनी जॉब के चलते इनके पिता को रांची शिफ्ट होना पड़ा था इसके बाद ये यही के निवासी बन गये.
धोनी की लव लाइफ – Love Life of MS Dhoni
एम एस की प्रियंका झा नाम की एक गर्लफ्रेंड थी, जिन्हें ये बहुत ज्यादा प्यार करते थे पर वर्ष 2002 में एक एक्सीडेंट के चलते प्रियंका की मौत हो गयी जिसके बाद धोनी ने अपना क्रिकेट करियर तक छोड़ने की सोचने लगे थे, पर फिर उन्होंने अपने आप को संभाला और अपने लक्ष्य पर ध्यान दिया.
इस तरह से महेंद्र सिंह धोनी और प्रियंका झा की लव स्टोरी अधूरी रह गयी इस बात का पता उनके जीवन पर बनी फिल्म से पता चलता है.
प्रियंका के न रहने के बाद धोनी ने अपने बचपन की friend साक्षी के साथ 04 जुलाई 2010 को फेरे लिये, दरअसल ये दोनों बचपन में एक साथ पढ़ते थे पर साक्षी के पिता देहरादून शिफ्ट हुए जिसके बाद ये दोनों अलग हो गये, पर 2007 में कोलकाता में भारतीय क्रिकेट टीम जिस होटल में रुकी थी उसी होटल में साक्षी इंटर्न में काम करती थी.
वहा फिर से धोनी और साक्षी मिले और इनके बीच नजदीकियाँ आने लगी और लगभग 3 साल के इंतजार के बाद धोनी ने साक्षी से शादी करली.
महेंद्र सिंह धोनी का क्रिकेट करियर – Cricket Career of Mahendra Singh Dhoni
शुरुआत में महेंद्र सिंह धोनी के लिये क्रिकेट का सफ़र इतना आसांन नही था, फिर भी उन्होंने अपने जूनून को पाने के लिये कड़ी मेहनत की और उसी का फल उन्हें मिला है और आज वो विश्व के महान क्रिकेटर माने जाते है.
रणजी ट्राफी
धोनी ने अपनी अक्रात्मक बल्लेबाज़ी के रवैये से क्लब क्रिकेट में अपनी पहचान बन ली थी जिसके चलते इन्हें रणजी ट्राफी में मौका मिला, पहली बार एमएस धोनी ने 1999 में बिहार राज्य की तरफ से असम के खिलाफ अपना रणजी मैच खेला था जिस मैच की दूसरी पारी में इन्होने नाबाद 68 रन बनाये थे. और इस पूरे सत्र में 5 मैच खेलकर 283 रन अपने नाम किये थे. इसके बाद कुछ और घरेलू मैच भी खेले थे.
धोनी के बेहतरीन प्रदर्शन करने के बाद भी इन्हें ईस्ट जोन के चयनकर्ताओ ने नही चुना जिससे धोनी नाराज़ हुए और क्रिकेट से दुरी बना ली और रेलवे में टिकेट कलेक्टर की नौकरी करने लगे, पर धोनी का मन नौकरी में नही जिसके बाद इन्होने फिर से क्रिकेट पर ध्यान देना शुरू किया.
दलीप ट्राफी में न खेल पाना
साल 2001 में इनको दलीप ट्राफी के लिये चुना गया पर इन्हें उसकी जानकारी समय पर नहीं मिल पाई जिससे ये उस टूर्नामेंट का हिस्सा नही बन पाये थे, इसका सबसे बड़ा कारण ये था की वो अपनी नौकरी के चलते पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में थे.
इस बात का पता उन्हें तब चला जब उनकी टीम अगरतला पहुच चुकी क्योकि ये मैच अगरतला में ही खेला जाना था, तो इनके दोस्त ने इन्हें फ्लाइट से जाने की सलाह द्दी और जल्दी से एक कार का इंतजाम भी पर वो कार भी रास्ते में ही ख़राब हो गयी जिसके बाद इस टूर्नामेंट में दीपदास गुप्ता विकेटकीपर बन कर खेले थे.
देवधर ट्राफी – MS Dhoni Devdhar Trophy
वर्ष 2002 और 03 में धोनी ने रणजी और देवधर ट्राफी में अपने अच्छे प्रदर्शन से क्रिकेट में अणि अच्छी पहचान बना ली थी, 2003 में जमशेदपुर में प्रतिभा संसाधन विकास विंग के मैच में खेलते हुए बंगाल के पूर्व कप्तान प्रकाश पोद्दार ने देखा और इस्की जानकारी राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी को दि जिसके बाद धोनी का चयन बिहार अंडर 19 टीम में हो गया.
पूर्वी zone टीम की तरफ से खेलते हुए उन्होंने 2003 और 04 के सीजन में देवधर ट्राफी में हिस्सा लिया और अपने अच्छे प्रदर्शन को यहाँ पर भी जारी रखा और देवधर ट्राफी अपने नाम की, इस मैच में उन्होंने शतक बनाया था और इस टूर्नामेंट के 4 मैच खेले जिसमें उन्होंने 244 रन बनाये थे.
2003 और 04 के सत्र में उन्हें ज़िम्बांवे और केन्या के दौरे के लिये इंडिया ए टीम में चुना गया और अपने पहले ही मैच में बतौर विकेटकीपर 7 कैच और स्टंपिंग की थी और इसके बाद उन्होंने पाकिंस्तान के खिलाफ भी अर्धशतक बना कर अपनी टीम को जीत दिलवाई इस तरह इस त्रिकोणीय श्रंखला में धोनी ने बहुत ही अच्छा प्रदर्शन किया जिससे भारतीय क्रिकेट टीम के मौजूदा कप्तान सौरव गांगुली की नज़र उन पर पड़ी.
एमएस धोनी एकदिवसीय करियर – Dhoni ODI Career
लगातार अच्छे प्रदर्शन से अपनी टीम को मैच जिताने और बेहतरीन विकेट कीपिंग से प्रभावित करने वाले महेंद्र सिंह धोनी को 2004 में भारतीय राष्ट्रीय टीम के एकदिवसीय मैच में मिला में मिला जो की बांग्लादेश के खिलाफ खेला जाना था, इस मैच में धोनी (Mahendra Singh Dhoni) कुछ खास नही कर सके और 0 पर ही आउट हो गये.
लेकिन फिर भी चयनकर्ताओं ने धोनी को एक और मौका दिया क्योकि वो धोनी की कला को जानते थे और इसलिए उन्हें पाकिस्तान के खिलाफ फिर से मौका दिया गया इस मैच में धोनी ने नाबाद 148 रन बना कर अपनी अक्रात्मक बल्लेबाज़ी जिसके लिये जाने जाते थे उसका परिचय दिया और साथ ही पहले भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज़ भी बने जिन्होंने इतने रन बनाये हो.
इसके बाद धोनी ने इंडिया और श्रीलंका के बीच खेली जा रही द्विपक्षीय श्रंखला के पहले दो मैच में उन्हें पर्याप्त मौके नही मिले तो उन्हें बल्लेबाज़ी क्रम में उपर किया गया जिसका फायदा उठाकर 299 रन के लक्ष्य का पीच करते हुए 145 गेंदों में नाबाद 183 रन बनाकर सीरीज के सभी record को तोड़ दिया और मैन ऑफ़ द सीरीज नवाजे गये.
2005 – 06 की भारत और पाकिस्तान की एकदिवसीय सीरीज के मैचों में 68, 72 (नाबाद), 02 (नाबाद), 77 (नाबाद) रन बनाकर सीरीज को 4-1 से जीतने में मदद की, और अपने शानदार प्रदर्शन के चलते 20 अप्रैल 2006 को धोनी ने रिक्की पोंटिंग को पीछे करते हुए ओडीआई रैंकिंग में शीर्ष स्थान प्राप्त किया.
2007 के ICC विश्व कप से पहले धोनी ने 100 के औसत से शानदार रन बनाये पर विश्व कप में धोनी (MS Dhoni) का बल्ला खामोश रहा और शायद इसी वजह से भारतीय टीम ग्रुप मैच में ही बाहर हो गयी.
फिर इसके बाद धोनी को दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड के लिये दो सीरीज में धोनी को उपकप्तान बनाया गया, इसके बाद वो भारतीय टी20 टीम कि कमान सँभालते हुए दक्षिण अफ्रीका में हो रहे ICC टी20 विश्व कप में पाकिस्तान को हराकर ट्राफी अपने नाम की.
टी20 की सफलता के बाद जब उन्हें वनडे टीम की कप्तानी दि गयी तो उन्होंने इसे भी बहुत ही अच्छी तरह से निभाया और 2011 के विश्व कप में जीत दिलाकर एक बार फिर से साबित कर दिया वो कितने सुलझे हुए खिलाडी और कप्तान है और इसके लिये उन्हें सचिन तेंदुलकर और कपिल देव जैसे दिग्गज खिलाडियों से सराहना मिली.
धोनी ने 2011 के विश्व कप में एक बार फिर से उपर बल्लेबाज़ी करने आये और 79 गेंदों में शानदार 91 रन बनाकर मैच को अपने नाम किया था और फिर 2013 में चैंपियंस ट्राफी भी जीती और इसके साथ ही धोनी सभी ICC ट्राफी जीतने वाले एक मात्र कप्तान बने.
Dhoni का वनडे में प्रदर्शन – Dhoni Oneday Performance
कुल मैच – 327
कुल इन्निंग्स – 278
कुल रन – 10123
कुल शतक – 10
कुल अर्धशतक – 67
कुल छक्के – 217
कुल चौके – 782
नाबाद परियां – 78
औसत – 50.62
स्ट्राइक रेट – 87.85
गेंदे खेली – 11523
उच्चतम स्कोर – 183 (नाबाद)
धोनी का टेस्ट करियर – Test Career of MS Dhoni
2005 में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट मैच में धोनी को विकेटकीपर के तौर पर चुना गया था इस मैच में धोनी ने 30 रन बनाये थे बारिश के कारण ये मैच बीच में ही रोकना पड़ा था, जिसके बाद उन्होंने 2006 में पाकिस्तान के खिलाफ अक्रात्मक अंदाज़ में अपने पहले टेस्ट शतक को पूरा किया और भारतीय टीम की फॉलो ओन से बचने में मदद की और फिर आगे के मैचों में भी अपने शानदार प्रदर्शन को जरी रखा.
इसके बाद 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गयी सीरीज में बतौर उपकप्तान खेले और चौथे मैच में ही कप्तान अनिल कुंबले बुरी तरह चोटिल हो गये जिसके बाद उन्होंने सन्यास की घोसणा करदी और फिर धोनी ने ही टीम की कमान संभाली. और अपनी कप्तानी में इन्होने टेस्ट टीम को ICC रैंकिंग में top पर पहुचाया.
वर्ष 2014 में धोनी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपना आखिरी टेस्ट खेला जिसमे उन्होंने 35 रन बनाये थे मैच खत्म होने के बाद उन्होंने अपने टेस्ट सन्यास की बात मीडिया से साझा की जिसके बाद ये उनका आखिरी टेस्ट बना.
धोनी का टेस्ट में प्रदर्शन – MS Dhoni Test Performance
कुल मैच – 90
कुल इन्निंग्स – 144
कुल रन – 4876
कुल शतक – 06
कुल अर्धशतक – 33
कुल छक्के – 78
कुल चौके – 544
नाबाद परियां – 16
औसत – 38.09
स्ट्राइक रेट – 59.12
गेंदे खेली – 8248
दोहरा शतक – 1
उच्चतम स्कोर – 224 (नाबाद)
धोनी का टी20 करियर – Mahendra Singh Dhoni T20 Career
अपनी कप्तानी में उन्होंने बड़ी से बड़ी टीम को हराया है और ICC की कोई भी ऐसी ट्राफी नही है जो उन्होंने अपनी कप्तानी में हासिल न की हो, उन्क्की मैदान पर शांत प्रकृति के कारण ही उन्हें कैप्टन कूल कहा जाने लगा.
कब किस गेंदबाज़ से गेंदबाज़ी करवानी है और कब गेंदबाज़ी में बदलाव करना है ये उनसे बेहतर शायद ही कोई जानता होगा क्रिकेट जगत में आये एक नये नियम जिसे डीआरएस – ड्रेसिंग रूम रिव्यु सिस्टम के नाम से जानते है पर क्रिकेट के एक्सपर्ट ने इसे धोनी रिव्यु सिस्टम नाम दिया है क्योकि आज तक उनसे बेहतर इसका इस्तेमाल कोई नही कर पाया है.
क्या आप जानते है महेंद्र सिंह धोनी – Mahendra Singh Dhoni ने अपने स्कूल के दिनों में फूटबाल गोलकीपर थे, इनके टीचर ने इनकी कला को देखकर इन्हें क्रिकेट में हाथ अजमाने की सलाह दी, जिसके बाद इन्होने कभी पीछे मुडकर नही देखा.
ये अपने स्कूल टाइम से ही क्रिकेट खेलते आ रहे थे पर इन्हें भारतीय टीम में मौका मिलने में बहुत समय लगा पर जब मिला तो इन्होने उस मौके का जमकर फायदा उठाया, और फिर अपने आप को क्रिकेट की दुनिया में ऐसे जमाया की दशको तक इनकी कोई भी बराबरी नही कर सका.
यही नही महेंद्र सिंह धोनी ( MS Dhoni ) को अब भारत के महान क्रिकेटरों में गिना जाता है, जो भारत के लिये सीमित ओवेरों के क्रिकेट में अपना अमूल्य योगदान दिया है. धोनी 11 सितम्बर 2007 से 04 जनवरी 2017 तक भारत की कप्तानी की और टेस्ट क्रिकेट में भी 28 दिसम्बर 2014 तक कप्तान रहे.
सबसे पहले महेंद्र सिंह धोनी को उनके व्यव्हार और उनकी यूनिक हेयर स्टाइल के चलते ल्लोग जानते थे पर कुछ ही दिनों में उन्होंने अपने प्रदर्शन के बल बूते पर अपनी पहचान बनायीं.
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